करन एक छोटे से शहर का रहने वाला, 25 साल का युवक है। उसने अपनी पूरी ज़िंदगी संघर्ष में बिताई है, और उसकी आँखों में एक सपना है अपनी मेहनत से खुद को साबित करना और अपने परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना। छोटे शहरों की सीमाओं के भीतर उसकी दुनिया सिमटी हुई है, लेकिन वह जानता है कि अगर उसे अपनी ज़िंदगी में कुछ करना है, तो उसे दिल्ली जैसे बड़े शहर की ओर रुख करना होगा।
दिल्ली के बारे में सोचते ही करन के मन में एक नई उम्मीद जाग उठती। वह जानता है, कि यहां किसी को भी एक मौका मिलने पर अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है। एक दिन जब उसे कीर्ति इंटरप्राइजेज नामक एक मशहूर डिजिटल मार्केटिंग कंपनी में नौकरी का विज्ञापन मिला, तो उसे लगा कि यह उसका सपना सच करने का सही मौका है। उसने तुरन्त अपना रिज़्यूमे भेजा और मेल पर रिप्लाई आने का इंतज़ार करने लगा, कुछ दिन बाद उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया।
दिल्ली में कदम रखते ही करन का दिल धड़कने लगा। वह पहली बार दिल्ली आया है, और यह शहर उसके लिए बहुत बड़ा और अजनबी सा है। फिर भी, उसकी आँखों में एक सपना है खुद को साबित करने का। वह सीधे कीर्ति इंटरप्राइजेज के ऑफिस में पहुँचा।
जब करन का सामना कीर्ति से हुआ, तो उसे महसूस हुआ कि वह किसी और ही दुनिया में आ चुका है। कीर्ति, जो इस कंपनी की मालिक और सीईओ है, एक बेहद आत्मविश्वासी और स्मार्ट महिला है। उसकी आँखों में वो चमक है, जो किसी भी लड़के को अपनी ओर खींच सकती है।
“आपका नाम क्या है?” कीर्ति ने मुस्कुराते हुए पूछा।
“जी, करन,” उसने थोड़ा संकोच करते हुए कहा।
कीर्ति ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और फिर बोल पड़ी, “आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, करन।”
इंटरव्यू शुरू हुआ, और करन ने पूरी ईमानदारी से अपनी डिजिटल मार्केटिंग के अनुभव के बारे में बताया। कीर्ति ने उसकी बातों को ध्यान से सुना और फिर एक सवाल किया, “आप दिल्ली में कहाँ रहेंगे?”
करन थोड़ा झिझकते हुए बोला, “मैं एक दोस्त के साथ रहूँगा।”
कीर्ति ने एक मुस्कान के साथ कहा, “अगर मैं आपको अपने एक फ़्लैट पर रहने का प्रस्ताव दूं, तो? इससे आपको काम पर ध्यान देने में आसानी होगी और आपका इस बड़े शहर में किराया भी बच जाएगा।”
करन के लिए यह थोड़ा अजीब था, लेकिन फिर भी उसे लगा कि यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। उसने सहमति दे दी। उसे नहीं पता था कि इस प्रस्ताव के पीछे कीर्ति के मन में कुछ राज छिपा है या नहीं।
कुछ दिनों बाद, करन ने कीर्ति इंटरप्राइजेज में काम शुरू किया। उसकी मेहनत और टैलेंट ने उसे जल्द ही सफलता दिलाई। डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में उसकी कड़ी मेहनत और पैशन ने कीर्ति को उसके अंदर एक नई उम्मीद दिखाई। करन ने कंपनी को नए क्लाइंट्स दिलवाए और फिर एक दिन जब उसने एक बड़े क्लाइंट को साइन किया, तो कीर्ति ने उसे जश्न मनाने के लिए एक पार्टी दी।
करन, जो कभी किसी पार्टी में नहीं गया था, थोड़ा घबराया हुआ है, लेकिन कीर्ति की मौजूदगी और आत्मविश्वास ने उसे आरामदायक महसूस कराया। पार्टी में दोनों के बीच हल्की-फुल्की बातचीत और हंसी मजाक होने लगी। धीरे-धीरे, करन को यह महसूस होने लगा कि कीर्ति सिर्फ उसकी बॉस नहीं, बल्कि एक ऐसी महिला है, जिसके पास एक खास आकर्षण है, जो किसी को भी अपनी ओर खींच सकता है।
“तुम बहुत अच्छा काम करते हो, करन,” कीर्ति ने मुस्कुराते हुए कहा। “तुम्हारी मेहनत ने इस कंपनी को फिर से खड़ा किया है।”
करन ने धीरे से जवाब दिया, “धन्यवाद, कीर्ति। यह सब आपकी मदद और मार्गदर्शन का नतीजा है।”
लेकिन जैसे ही करन ने कीर्ति की आँखों में देखा, उसे कुछ अलग सा महसूस हुआ। उसकी आँखों में एक खास बात थी, जो अब उसे एक अजीब सी खिंचाव का अहसास दिला रही थी। पार्टी के बाद, कीर्ति ने करन को अपने फ्लैट तक छोड़ने का प्रस्ताव दिया। करन ने संकोच किया, लेकिन फिर भी उसे यह विचार आया कि यह एक और मौका हो सकता है कुछ अलग, कुछ खास।
जब वे फ्लैट तक पहुँचे, तो कीर्ति ने धीरे से करन को अपनी ओर खींच लिया। कमरे का माहौल अचानक बदलने लगा था। कीर्ति की आँखों में जो चमक थी, वह अब और भी तीव्र हो गई। करन को महसूस हुआ कि वह किसी अदृश्य आकर्षण से बंधता जा रहा है।
“करन,” कीर्ति ने एक धीमे, कंफर्टेबल स्वर में कहा, “क्या तुम मेरे साथ रात बिताना चाहोगे?”
करन का दिल धड़कने लगा, और वह चुपचाप कीर्ति की ओर बढ़ा। दोनों के बीच की दूरी मिट गई, और अब वे एक-दूसरे के बेहद करीब थे। करन ने उसकी आँखों में देखा, और फिर खुद को रोक न सका।
आखिरकार, करन और कीर्ति के बीच एक चुंबन हुआ। यह कोई साधारण चुंबन नहीं था, बल्कि दोनों के दिलों में छुपे हुए इमोशन्स का खुलासा हुआ। उनकी आँखों में जो अजीब सा आकर्षण था, वह अब शब्दों में नहीं बयां नहीं किया जा सकता। एक के बाद एक, वे दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे के शरीर को महसूस करने लगे। कमरे का तापमान बढ़ता गया, और दोनों की श्वास भी तेज़ हो गई।
करन और कीर्ति के बीच का रोमांस अब शारीरिक रूप में बदल चुका था। दोनों एक-दूसरे के साथ उन पलों को पूरी तरह जी रहे थे। रात की चुप्प, ख़ामोशी और एक-दूसरे के करीब आना… यह सब कुछ ऐसा था, जो दोनों ने कभी सोचा भी नहीं होगा।
अगली सुबह, जब करन की आँखें खुली, तो उसने खुद को कीर्ति के पास पाया। कीर्ति भी थोड़ी घबराई हुई थी, और दोनों एक-दूसरे से नजरें नहीं मिला पा रहे थे। यह अहसास उन्हें बहुत अलग लगा था, जैसे वे कुछ और भी महसूस कर रहे हों।
फिर अचानक, करन के फोन पर घर से कॉल आया। उसके पिता की तबियत खराब है, ऐसी फ़ोन पर आवाज़ आयी, और उसे घर लौटना है।
कीर्ति ने चिंता जताई, “क्या तुम सही हों, करन?”
“हां, मैं ठीक हूँ,” करन ने कहा, लेकिन उसकी आँखों में एक उदासी है। उसे महसूस हुआ कि अब उसका जीवन एक नई दिशा में जा रहा है।
कीर्ति ने फैसला किया कि जब तक करन नहीं लौटेगा, वह कंपनी के लिए अस्थायी तौर पर एक नया लड़का, अजय, को हायर करेगी। मगर क्या अजय , करन की जगह ले पाएगा? और क्या करन और कीर्ति का रिश्ता इस मोड़ पर कायम रह पाएगा?
अब क्या होगा, जब कीर्ति और करन एक दूसरे के साथ प्यार में बंद चुके है, अचानक करन के पास फ़ोन कॉल आया, कीर्ति करन के साथ बिताई रात भुला पायेगी, करन वापस दिल्ली आएगा, क्या कीर्ति किसी और से प्यार करेगी, बहुत से सवाल है, जानने के लिए Business Class का अगला भाग जल्द ही आएगा।
यह सिर्फ़ शुरुआत है…Read More
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